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Baglamukhi Fundamentals Explained

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लिखित्वा हृदि तन्नाम तं ध्यात्वा प्रजपेन्‌ मनुम्‌। त्रिरात्रेण वशं याति मृत्योः तन्नात्र संशयः। सौवर्णासनसंस्थितां त्रिनयनां पीताशुकोल्लासिनीम्‌ । जिह्वाग्रमादाय करेण देवी, वामेन शत्रून परिपीडयन्तीम्। एक अमेज़न एसोसिएट के रूप में उपयुक्त ख़रीद से हमारी आय होती है। यदि आप यहाँ दिए लिंक के माध्यम से ख़रीदारी करते हैं, तो आपको बिना https://www.instagram.com/tantramantraaurvigyaan/reel/DA6ACEaONEJ/
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